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भाषा के सम्बन्ध में ‘हिन्दी’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने …
अमीर ख़ुसरो हिन्दी खड़ी बोली के पहले लोकप्रिय कवि अमीर ख़ुसरो ने कई ग़ज़ल, ख़याल, कव्वाली, रुबाई, तराना की रचना की है। अमीर ख़ुसरो का जन्म सन् 1253 ई. में एटा, उत्तरप्रदेश के पटियाली नामक क़स्बे में गंगा किनारे हुआ था। अमीर ख़ुसरो मध्य एशिया की लाचन जाति के तुर्क सैफ़द्दीन के पुत्र हैं। लाचन जाति केRead more
अमीर ख़ुसरो
हिन्दी खड़ी बोली के पहले लोकप्रिय कवि अमीर ख़ुसरो ने कई ग़ज़ल, ख़याल, कव्वाली, रुबाई, तराना की रचना की है। अमीर ख़ुसरो का जन्म सन् 1253 ई. में एटा, उत्तरप्रदेश के पटियाली नामक क़स्बे में गंगा किनारे हुआ था। अमीर ख़ुसरो मध्य एशिया की लाचन जाति के तुर्क सैफ़द्दीन के पुत्र हैं। लाचन जाति के तुर्क चंगेज़ ख़ाँ के आक्रमणों से पीड़ित होकर बलबन (1266-1286 ई.) के राज्यकाल में शरणार्थी के रूप में भारत में आ बसे थे।
See lessयह देखिए, अरविन्द से शिशु वृन्द कैसे सो रहे में …
पतोपमा अलंकार 'यह देखिए, अरविन्द से शिशु वृन्द कैसे सो रहे।' प्रस्तुत वाक्य में लुप्तोत्तमा अलंकार है। उपमा के चारों अंगों में से यदि एक यो दो का, या फिर तीन का न होना पाया जाए, वहां पर 'लुप्तोपमा' अलंकार होता है। जैसे — 'कल्पना सी अतिशय कोमल' पंक्ति में उपमेय का लोप हैं, उपमान के चारों अंग उपस्थितRead more
पतोपमा अलंकार
‘यह देखिए, अरविन्द से शिशु वृन्द कैसे सो रहे।’ प्रस्तुत वाक्य में लुप्तोत्तमा अलंकार है। उपमा के चारों अंगों में से यदि एक यो दो का, या फिर तीन का न होना पाया जाए, वहां पर ‘लुप्तोपमा’ अलंकार होता है।
जैसे — ‘कल्पना सी अतिशय कोमल’
पंक्ति में उपमेय का लोप हैं, उपमान के चारों अंग उपस्थित न होने के कारण ‘लुप्तोपमा’ अलंकार हैं।
See less‘इंडिया फॉर इंडियन्स’ किताब किसने लिखी?
सीआर दास (Chittaranjan Das) 'इंडिया फॉर इंडियन्स' की रचना देशबंधु चितंरजन दास ने की थी। चितरंजन दास एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ, वकील, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के एक कार्यकर्ता और भारत में ब्रिटिश कब्जे के दौरान बंगाल में स्वराज पार्टी के संस्थापक नेता थे। उनको सम्मान पूर्वक ‘देशबंधु’ कहा जाता था। एकRead more
सीआर दास (Chittaranjan Das)
‘इंडिया फॉर इंडियन्स’ की रचना देशबंधु चितंरजन दास ने की थी। चितरंजन दास एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ, वकील, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के एक कार्यकर्ता और भारत में ब्रिटिश कब्जे के दौरान बंगाल में स्वराज पार्टी के संस्थापक नेता थे। उनको सम्मान पूर्वक ‘देशबंधु’ कहा जाता था। एक महत्वपूर्ण राष्ट्रवादी नेता के साथ-साथ वो एक सफल विधि-शास्त्री भी थे। स्वाधीनता आन्दोलन के दौरान उन्होंने ‘अलीपुर षड़यंत्र काण्ड’ (1908) के अभियुक्त अरविन्द घोष का बचाव किया था। चित्तरंजन दास ने अपनी चलती हुई वकालत छोड़कर गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भाग लिया और पूर्णतया राजनीति में आ गए। उन्होंने विलासी जीवन व्यतीत करना छोड़ दिया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सिद्धान्तों का प्रचार करते हुए सारे देश का भ्रमण किया।
See lessसरस्वती पत्रिका के संपादक कौन थे?
महावीर प्रसाद द्विवेदी (Mahavir Prasad Dwivedi) सरस्वती पत्रिका के संपादक महावीर प्रसाद द्विवेदी थे। इसका प्रकाशन इलाहाबाद से जनवरी 1900 ई. में प्रारम्भ हुआ था। उस समय 32 पन्नों की इस पत्रिका का मूल्य 4 आना मात्र था। इसके महावीर प्रसाद द्विवेदी 1903 से 1920 ई. तक संपादक रहे। एक ओर भाषा के स्तर पर औरRead more
महावीर प्रसाद द्विवेदी (Mahavir Prasad Dwivedi)
सरस्वती पत्रिका के संपादक महावीर प्रसाद द्विवेदी थे। इसका प्रकाशन इलाहाबाद से जनवरी 1900 ई. में प्रारम्भ हुआ था। उस समय 32 पन्नों की इस पत्रिका का मूल्य 4 आना मात्र था। इसके महावीर प्रसाद द्विवेदी 1903 से 1920 ई. तक संपादक रहे। एक ओर भाषा के स्तर पर और दूसरी ओर प्रेरक बनकर मार्गदर्शन का कार्य संभालकर द्विवेदी जी ने साहित्यिक और राष्ट्रीय चेतना को स्वर प्रदान किया। द्विवेदी जी ने भाषा की समृद्धि करके नवीन साहित्यकारों को राह दिखाई। इसका प्रकाशन पहले झाँसी और फिर कानपुर से होने लगा था। महावीर प्रसाद द्विवेदी के बाद पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, देवी दत्त शुक्ल, श्रीनाथ सिंह और श्रीनारायण चतुर्वेदी इस पत्रिका के सम्पादक हुए।
See lessइदु पत्रिका के संपादक कौन थे?
अम्बिका प्रसाद गुप्त इंदु पत्रिका के संपादक अम्बिका प्रसाद गुप्त थे। इनका जन्म 1888 में काशी, उत्तर प्रदेश मेे हुआ था। अम्बिका प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत् और कथा साहित्य में विशेष स्थान रखने वाले जयशंकर प्रसाद के भांजे थे। इन्होंने हिन्दी साहित्य को कई महत्त्वपूर्ण रचनाएँ दी हैं। जयशंकर प्रसाद की ही प्Read more
अम्बिका प्रसाद गुप्त
इंदु पत्रिका के संपादक अम्बिका प्रसाद गुप्त थे। इनका जन्म 1888 में काशी, उत्तर प्रदेश मेे हुआ था। अम्बिका प्रसाद हिन्दी नाट्य जगत् और कथा साहित्य में विशेष स्थान रखने वाले जयशंकर प्रसाद के भांजे थे। इन्होंने हिन्दी साहित्य को कई महत्त्वपूर्ण रचनाएँ दी हैं। जयशंकर प्रसाद की ही प्रेरणा से 1909 ई. में इन्होंने उनके सम्पादकत्व में ‘इन्दु’ नामक मासिक पत्र का प्रकाशन आरम्भ किया था। प्रसाद इसमें नियमित रूप से लिखते रहे और उनकी आरम्भिक रचनाएँ इसी के अंकों में देखी जा सकती हैं। वर्ष सन 1937 में अम्बिका प्रसाद गुप्त का निधन हुआ।
See lessबराह्मण पत्रिका के संपादक कौन थे?
परताप नारायण मिश्र ब्राह्मण पत्रिका के संपादक प्रताप नारायण मिश्र थे। इनका सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक संस्थाओं से निकट का संपर्क था और देश में पैदा हो रही नवजागरण की लहर के प्रति सचेत भी थे। वास्तव में नवजागरण का सन्देश ही जीवन तक पहुँचाने के लिए इन्होने साहित्य सेवा का व्रत लिया और ब्राह्मण पत्रिRead more
परताप नारायण मिश्र
ब्राह्मण पत्रिका के संपादक प्रताप नारायण मिश्र थे। इनका सामाजिक, राजनैतिक और धार्मिक संस्थाओं से निकट का संपर्क था और देश में पैदा हो रही नवजागरण की लहर के प्रति सचेत भी थे। वास्तव में नवजागरण का सन्देश ही जीवन तक पहुँचाने के लिए इन्होने साहित्य सेवा का व्रत लिया और ब्राह्मण पत्रिका का आजीवन संपादन करते रहे। मिश्र जी विपुल प्रतिभा और विविध रुचियों के धनी थे। कानपुर में इन्होने नाटक सभा नाम की एक संस्था बनायीं थी। उसके माध्यम से ये पारसी थियेटर के समान्तर हिंदी का अपना रंगमंच खड़ा करना चाहते थे। यह स्वयं भी भारतेंदु की भाँती कुशल अभिनय करते थे। यह भारतेंदु के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित थे तथा उन्हें अपना गुरु और आदर्श मानते थे। इनकी मृत्यु कानपुर में 38 वर्ष की अवस्था में वर्ष 1894 में हो गई।
See lessWhich is India’s first solar-powered village?
Modhera, a village in Gujarat's Mehsana district that is known for its Sun Temple is India's first solar-powered village.
World Ozone Day’ is celebrated on :
World Ozone Day is celebrated on 16th September each year to commemorate the signing of the Montreal Protocol that came into force on this day in 1987. World Ozone Day is celebrated every year to spread awareness among people about the depletion of Ozone Layer and the measures taken and to be takenRead more
World Ozone Day is celebrated on 16th September each year to commemorate the signing of the Montreal Protocol that came into force on this day in 1987. World Ozone Day is celebrated every year to spread awareness among people about the depletion of Ozone Layer and the measures taken and to be taken to preserve it.
The theme of World Ozone Day 2022 is “Montreal Protocol@35: global cooperation protecting life on earth”.
In 1994, the United Nations General Assembly proclaimed 16 September the International Day for the Preservation of the Ozone Layer, commemorating the date of the signing, in 1987, of the Montreal Protocol on Substances that Deplete the Ozone Layer
India phased out Chlorofluorocarbons, Carbon tetrachloride, Halons, Methyl Bromide and Methyl Chloroform for controlled uses as on 1 January 2010, in line with the Montreal Protocol schedule. Currently, Hydrochlorofluorocarbons are being phased out as per the accelerated schedule of the Montreal Protocol.
See lessWhich amendment of the Indian Constitution has abolished the nomination of Anglo-Indians to the Lok Sabha and Legislative Assemblies ?
Between 1952 and 2020, two seats were reserved in the Lok Sabha, the lower house of the Parliament of India, for members of the Anglo-Indian community. These two members were nominated by the President of India on the advice of the Government of India. In January 2020, the Anglo-Indian reserved seatRead more
Between 1952 and 2020, two seats were reserved in the Lok Sabha, the lower house of the Parliament of India, for members of the Anglo-Indian community. These two members were nominated by the President of India on the advice of the Government of India. In January 2020, the Anglo-Indian reserved seats in the Parliament and State Legislatures of India were abolished by the 104th Constitutional Amendment Act, 2019.
See lessउड़ीसा का शोक किस नदी को कहा जाता है?
महानदी नदी को "ओडिशा का शोक" कहा जाता है।
महानदी नदी को “ओडिशा का शोक” कहा जाता है।